हिमाचल प्रदेश। उत्तर भारत के लेह और लद्दाख से शुरू हुए ‘जल-जंगल-जमीन बचाओ, छठी अनुसूची लागू करो” पैदल मार्च को जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के डेलिगेशन ने हिमाचल प्रदेश पहुंचकर कदमताल चलकर समर्थन किया है।
महत्त्वपूर्ण यह है की देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे। इन्हें असली फुंसुक वांगड़ू जाता है। वहीं जो 2009 में आई सबसे ज्यादा बालीवुड में कमाई की जाने वाली फिल्म “थ्री इडियट्स” का मुख्य किरदार था। जयस के संस्थापक विक्रम अछालिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. लोकेश मुजाल्दा और राष्ट्रीय सचिव अजय कनोजे भी डेलिगेशन के साथ हिमाचल के सियांग में इस मार्च में शामिल हुए हैं।
” पहाड़ी पारंपरिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए 6टी अनुसूची का लागू होना अत्यंत महत्वपूर्ण “
जयस ने इस मार्च में शामिल होकर लद्दाख के लोगों की स्थानीय जल, जंगल, जमीन और पहाड़ों से जुड़े अधिकारों की सुरक्षा व विशालकाय हिमालय बचाने के प्रति अपना समर्थन किया साथ ही देश के आदिवासियों की ओर से एकजुटता प्रकट की है। जयस का मानना है कि लद्दाख के लोगों के पहाड़ी पारंपरिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए 6टी अनुसूची का लागू होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो संविधान में प्रदत उन्हे स्थानीय स्वायत्तता और संसाधनों की रक्षा के लिए आवश्यक कानूनी सुरक्षा और अधिकारों का संरक्षण प्रदान करेगी।
” जयस संस्थापक विक्रम अछलिया “
इस अवसर जयस संस्थापक विक्रम अछलिया ने कहा, “लद्दाख के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और यहां के स्थानीय समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए यह आंदोलन इतिहासिक है। इस आन्दोलन में मानव और प्रकृति को बचाने की आवाज को बुलंद किया जा रहा है। जयस इस संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ा है और भारत के आदिवासियों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे से जोड़ने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
” इंजी. लोकेश मुजाल्दा “
इंजी. लोकेश मुजाल्दा ने कहा, “लद्दाख के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और यहां के स्थानीय समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए यह आंदोलन एक मील का पत्थर साबित होगा।
” जयस राष्ट्रीय सचिव अजय कनोजे “
जयस राष्ट्रीय सचिव अजय कनोजे ने आंदोलन का समर्थन करते हुए बताया कि आगामी समय पैदल यात्रा दिल्ली कूच कर रहीं है, जयस के माध्यम से 2 अक्टूबर को फिर हम शामिल होगें। ये लडाई मानव बचाने, प्रकृति को बचाने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को बचाने की अंतिम लडाई है। इस संघर्ष में भारत के हर व्यक्ती को शामिल होना चाहिए।
सोनम वांगचुक के नेतृत्व में यह पैदल मार्च लद्दाख के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लद्दाख की विशिष्ट सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिस्थितिक संरचना की सुरक्षा के लिए छठी अनुसूची की मांग को उठाएगा। इस मार्च का उद्देश्य लद्दाख की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाकर संविधान के तहत दी गई संवैधानिक सुरक्षा का आग्रह करना है।
” जयस के शामिल कार्यकर्ता “
पैदल मार्च में जयस डेलिगेशन में शामिल जयस में बाबूलाल बघेल, इंदौर पवन डावर, निलेश चौहान, संजू सोलंकी, मनोज मुजाल्दे, रविन्द्र रावत, सुरेश मुजाल्दे, पवन अहिरवार, विशाल बड़ोले, मयूर परमार, संदीप, राहुल, गोलू सहित अन्य जयस कार्यकर्ता शामिल हुए।