क्रांतिकारियों की प्रतिमा स्थापित कर, चौराहे का नामकरण फाइव स्टार क्रांतिकारी चौराहा किया,तीन दिवसीय आदिवासी महासम्मेलन हुआ संपन्न।

संवाददाता पुरुषोत्तम कलम।
दिनांक 29/01/2025
बैतूल/मध्यप्रदेश।

1857 के बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि, फाइव स्टार क्रांतिकारी चौराहा का हुआ नामकरण।

दामजीपुरा। आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के दामजीपुरा में पहली बार आदिवासी गोंड कोरकू समाज का महाकुंभ हुआ, रानी दुर्गावती,रेंगा कोरकू,बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, बिरसा मुंडा, टांटया भील को तीन दिवसीय कार्यक्रम समर्पित रहा।


बैतूल जिले में यह ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा जिसमें समस्त आदिवासी संगठन क्षेत्र दामजीपुरा के द्वारा पांच क्रांतिकारियों की स्टेचू स्कूल परिसर के सामने स्थापित की गई, जिसमें मूर्ति स्थापना दिनांक 26 जनवरी को कलश एवं शोभा यात्रा निकालकर मुठवा पूजन पश्चात दामजीपुरा क्षेत्र के गोंड कोरकू समाज के भूमकाओ द्वारा पूजन कर दामजीपुरा क्षेत्र के मालगुजार परिवार के हाथों पांचो मूर्तियों को स्थापित कर माल्यार्पण किया गया,एवं रात्रि कालीन आदिवासी समाज के युवक युवतियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। 27 जनवरी को मूर्तियों का अनावरण रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा के विधायक कमलेश्वर डोडियार एवं मनोज मंडावी नागपुर के द्वारा हुआ तथा डोडियार ने अपने उद्बोधन में मौजूद हजारों आदिवासीयो को संबोधित करते हुए कहा कि ताप्ती नदी में बन रहे तापी मेगा रिचार्ज बांध में जो गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं उन्हें कतई भी घबराने की आवश्यकता नहीं है जब तक ग्रामीणों की सहमति नहीं मिलती तब तक शासन प्रशासन बांध नहीं बना सकते अगर ग्राम वासी सहमत होते हैं तो ठेकेदार भी हमारा ही होगा,
28 जनवरी को मुख्य अतिथि के रूप में बिरसा ब्रिगेड संस्थापक सतीश पेंड्राम एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में रामदेव काकोडिया, शिवरावन त्रिकाम, प्रेमसिंह काजले,महिला शक्ति श्रीमती देवश्री मरकाम,जयश्री चौहान, गंगा चौहान, नीतू ककोडिया, एवं जयस के प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे, जयस के संदीप कुमार धुर्वे, जयस के जिलाध्यक्ष सुंदरलाल उइके, समाजसेवी हेमंत सरियाम और भीम आर्मी प्रदेश महासचिव राकेश महाले सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि सतीश पेंड्राम ने प्रोग्राम में उपस्थित पांच हजार से अधिक आदिवासियों को संबोधित करते हुएं, भगवान बिरसा मुंडा ,टंट्या भील ,रेंगा कोरकू , बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ,रानी दुर्गावती के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला,उन्होंने किस तरह आदिवासी समाज को अंग्रेजों के उत्पीड़न से बचाया एवं किस प्रकार रेंगा कोरकू एवं टंट्या भील ने आदिवासी समाज को जमीन दिलाने का हक अंग्रेजों से दिलवाया उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब आदिवासी समाज की महिलाओं को ब्लाउज पहनने तक की अनुमति नहीं थी और जो पहनता था उस महिला से टैक्स लिया जाता था रेंगा कोरकू के 1500 सैनिकों को अंग्रेजो ने मारकर महाराष्ट्र के मेलघाट के काजलडोह नामक स्थान पर फेंक दिया गया था, साथ ही शिवरावण त्रिकाम ने रूढ़ि प्रथा पर प्रकाश डालते हुए प्रत्येक गांव में पटेली/ मुकदम सरकार को स्थापित करने की बारे में समझाया और संवैधानिक तरीके से हम अपने जल जंगल जमीन की रक्षा किस प्रकार कर पाएंगे यह बतलाया, अपनी संस्कृति रीति रिवाज बोली वेशभूषा को अपनाने एवं बनाए रखने पर जोर दिया गया आदिवासी समाज चाहे कोरकू हो ,चाहे भील हो, चाहे गोंड हो, संगठित होकर साथ रहने की बात कही गई, हरदा से पधारे अतिथि प्रेम सिंह काजले द्वारा रूढ़ि प्रथा की जानकारी देकर संवैधानिक अधिकारों के बारे में आदिवासी समाज को अवगत कराया गया महाराष्ट्र राज्य एवं खंडवा जिले, बैतूल जिले से आए अतिथियों के संबोधनों के पश्चात आदिवासी गोंड एवं कोरकू समाज के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें ग्राम बिच्छू टेकड़ी से कोरकू समाज ने गदली सुसुन का कार्यक्रम पेश किया, इसी अवसर पर आदिवासी मालगुजार परिवार के रितेश चौहान द्वारा ग्राम दामजीपुरा रेंगा आबा क्रिकेट क्लब की स्थापना की गई जिसमें उनकी ओर से क्रिकेट टीम के सदस्यों को टीशर्ट एवं कीट प्रदान किया गया सतीश पेंड्राम शिवरावण त्रिकाम के मुखार बिंद से जहां पांच क्रांतिकारियों की मूर्ति स्थापित है उस चौक का नामकरण फाइव स्टार क्रांतिकारी चौक किया गया एवं पेंड्राम के कर कमलों द्वारा क्रिकेट टीम के सदस्यों को क्रिकेट किट दी गई, एवं अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले युवा साथियों को एवं ग्राम वासियों को जनप्रतिनिधियो को बाहर से अतिथियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर महाप्रसादी का वितरण किया गया।

आदिवासि समुदाय का इतना बड़ा प्रोग्राम होने के बावजूद बिजली रही गुल,जबकि इस क्षेत्र से विधायक एवं सांसद आदिवासि समुदाय से आते है।

27 एवं 28 तारीख को बिजली विभाग के द्वारा बिजली प्रदाएं पूरी तरह से बंद थी बावजूद सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे जोश के साथ किया गया कार्यक्रम का आभार रितेश चौहान के द्वारा व्यक्त करते हुए तीन दिवसीय क्रांतिकारी जीवन गाथा कार्यक्रम का समापन किया गया।